RBI ने जारी किया FI Index, जानिए देश के विकास में क्यों जरूरी है ये इंडेक्स
RBI launches FI-Index: RBI ने देश के फाइनेंशियल इंक्लूजन की सीमा को समझने के लिए FI Index लॉन्च कर दिया है.
RBI ने जारी किया FI Index. (Source: Reuters)
RBI ने जारी किया FI Index. (Source: Reuters)
RBI launches FI-Index: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को देश को कंपोजिट वित्तीय समावेशन सूचकांक (Financial Inclusion Index- FI Index) जारी किया. इससे पूरे भारत के फाइनेंशियल इंक्लूजन की सीमा समझ में आएगी.
RBI नें इस FI-Index का निर्माण किया है, जिसकी घोषणा उन्होंने वित्त वर्ष 22 के अपने पहले द्विमासिक मॉनिटरी पॉलिसी स्टेटमेंट के स्टेटमेंट ऑन डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी पॉलिसीज में किया था.
कोई बेस ईयर नहीं
RBI ने बताया कि FI-Index का निर्माण बिना किसी 'आधार वर्ष' (Base Year) के किया गया है और इस तरह यह फाइनेंशियल इंक्लूजन (Financial Inclusion) की दिशा में इतने सालों से सभी स्टेकहोल्डर्स के साझा प्रयासों को दिखाता है.
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हर साल जुलाई में जारी होगा इंडेक्स
RBI ने बताया कि, "मार्च, 2021 में खत्म होने वाले वर्ष के लिए FI-Index 53.9 है, जो कि मार्च, 2017 में 43.4 था" FI-Index को हर साल जुलाई में पब्लिश किया जाएगा.
बयान के अनुसार, FI-Index को सरकार और संबंधित क्षेत्रीय रेगुलेटर्स के सलाह से बैंकिंग, निवेश, बीमा, डाक के साथ-साथ पेंशन क्षेत्र के विवरण को शामिल करते हुए एक व्यापक इंडेक्स (Comprehensive Index) के रूप में परिकल्पित (Conceptualised) किया गया है.
कैसे काम करता है FI-Index
इस FI-Index में 0 से 100 के बीच में वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) के विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्राप्त करता है, जहां 0 अंक पूरी तरह से वित्तीय बहिष्करण (Financial Exclusion) की बात करता है और 100 पूरी तरह से फाइनेंशियल इंक्लूजन को दर्शाता है.
FI-Index में तीन व्यापक पैरामीटर शामिल है, जैसे, पहुंच (35%), उपयोग(45%) और क्वालिटी (20%). इनमें से प्रत्येक में कई अन्य आयाम शामिल हैं, जिनकी गणना इंडीकेटर्स के आधार पर की जाती है. RBI ने कहा यह इंडेक्स सभी 97 इंडीकेटर्स में शामिल सेवाओं की पहुंच, उपयोग और क्वालिटी के लिए जिम्मेदार होंगे.
RBI ने बताया कि इस इंडेक्स में खास विशेषता है कि यह क्वालिटी पैरामीटर को भी फॉलो करता है, जिससे देश में फाइनेंशियल लिटरेसी, कंज्यूमर प्रोटेक्शन और सेवाओं में असमानताओं से जुड़ी गड़बड़ियों को भी पकड़ती है.
05:20 PM IST